दिल्ली के चितरंजन पार्क में बंगाली समिति के द्वारा बड़े पैमाने पर पंडाल बना कर नवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है। यहां नवरात्रि के छठवें दिन से पूजा-अर्चना की शुरुआत की जाती हैं। चितरंजन पार्क में माता की विधिवत पूजा बंगाली परम्परा के अनुसार होती है। जब मैनें काली मंदिर के ज्वाइंट सेक्रेट्री प्रदीप गांगुली से बात की तो उन्होनें कहा कि काली मंदिर के 50 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस उपलक्ष्य में नवरात्रि इस वर्ष भव्य मनायी जा रही है। यहां प्रतिदिन नवरात्रि के दौरान एक लाख से अधिक लोग आते हैं। जिसको लेकर तमाम तरह की तैयारियां की जाती है। पंडाल इको फ्रेंडली बनाया गया है। 30 से 40 हजार लोगों के लिए प्रतिदिन प्रसाद भोग की व्यवस्था की जा रही है।
यहां के भक्तजनों का कहना है कि इस काली मंदिर में पूजा मुख्य रुप से छठवें दिन से शुरु होती है। जो विसर्जन के साथ समाप्त हो जाती है। यहां पर माता की प्रतिमा स्थापित कर विधिवत रूप से पूजा की जाती है। जिसे मिनी बंगाल के नाम से भी जाना जाता है। यहां हर साल अलग-अलग थीम के हिसाब से सजावट की जाती है। यहां आनंद मेला का आयोजन भी किया जाता है। जिनमें बंगाली खाने के फूड स्टाॅल लगाए जाते हैं। जिसमें बंगाली परिवार अपने घर से खाना बनाकर परोसतीं हैं। इस खाने में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के स्टाॅल लगे होते हैं। खाने के अलावा यहां अन्य चीजों के भी स्टाॅल लगाए जाते हैं। साथ ही यहां कई तरह के प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है।
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