ईवीएम और जम्मू-कश्मीर में मतदान जैसे सात सवालों के जवाब में क्या बोले मुख्य चुनाव आयुक्त

निर्वाचन आयोग ने 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. मतदान सात चरणों में होगा और नतीजे चार जून को आएंगे.

किस राज्य में किस दिन मतदान होगा, इसका कार्यक्रम जारी करने से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि आयोग ने चुनावों के मद्देनजर क्या क्या तैयारियां की हैं.

मुख्य चुनाव आयुक्त से सात चरणों में मतदान करवाने की वजह, इवीएम को लेकर विपक्षी दलों की चिंताओं, चुनाव आयुक्त अरूण गोयल के इस्तीफे और आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर पक्षपात के आरोपों से जुड़े सवाल किए गए.

उनसे यह भी पूछा गया कि जम्मू-कश्मीर की लोकसभा के लिए वोटिंग करवाई जा सकती है तो वहां विधानसभा के चुनाव भी अन्य चार राज्यों की तरह साथ में ही क्यों नहीं करवा दिए गए.

सात चरणों में क्यों करवाया जा रहा है मतदान ?

पत्रकार ने पूछा कि विपक्षी दलों का आरोप है कि की चरणों में चुनाव करवाना गैर जरूरी है और इसका फायदा सत्ताधारी दल को होता है?

इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, " एक बारपूरे देश की भौगोलिक स्थिति को देखिए. नदी नाले, बर्फ, पहाड़, जंगल, गर्मी.....सोचिए. सुरक्षा बलों के मूवमेंट के बारे में सोचिए. उन्हें तीन से चार दिनों में लंबी दूरी तय करनी होती. उन पर बहुत दवाब होता".

" देश में त्योहार होते हैं. होली, रमजान. जब हम कैलेंडर देखते हैं तो एक तारीख से दूसरी तारीख पर जाना पड़ता है. हम अलग-अलग तारीख किसी को फायदा या नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं करते. ये आरोप गलत हैं. हम सिर्फ तथ्यों पर बात कर सकते हैं.

राजीव कुमार ने कहा, " कई राज्यों में परिस्थितियां अलग है. किसी राज्य में चुनाव एक ही चरण में है तो किसी राज्य में सात चरण में है. जहां सात चरणों में चुनाव हैं, उसका विस्तार ज्यादा है और सीटें भी ज्यादा हैं ".

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